सुपर ट्रेडर लक्ष्य: संघर्ष से सफलता की मिसाल
लक्ष्य की कहानी: संघर्ष से सफलता का मार्ग
सपनों के टलने और शिक्षा का संघर्ष
अपने बड़े भाई की तरह देश की सेवा करने के जज्बे के साथ, लक्ष्य ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए परीक्षा दी और प्रयागराज के यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम के तहत चुने गए। साथ ही, उन्होंने MITS ग्वालियर
से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पर पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उनका मार्ग बदल दिया और उन्होंने लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (L&T) में नौकरी कर ली। अपने सपनों से हटकर भी लक्ष्य ने सफलता की राह पर डटे रहने का संकल्प किया।
यात्रा की शुरुआत
2008 में, लक्ष्य ने ₹5,000 के
निवेश से ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखा। पहले दिन ₹625 का
मुनाफा होकर उन्होंने दोस्तों के लिए जश्न मनाया। लेकिन अगले दो दिनों में ₹500 का
नुकसान हुआ। फिर उन्होंने ₹50,000 से
₹60,000 तक की पूंजी लगाई और यूनाइटेड, जेपी और HDIL जैसे
शेयर खरीदे, पर ग्लोबल मार्केट के मंदी के कारण नुकसान हुआ।
सत्यम स्टॉक से बड़ा धक्का
उन्होंने ₹20,000 के
सत्यम स्टॉक को ₹180 प्रति
शेयर के भाव से ख़रीदा, जो कंपनी की धोखाधड़ी के कारण गिरकर ₹6 पर
आ गया। यह उनके लिए बहुत बड़ा सदमा था। बाद में ₹20 पर
वे सारे शेयर बेच दिए, भारी नुकसान के साथ।
अस्थिर समय में तेजी से सीखना
मार्केट की अस्थिरता और लगातार हानि के बावजूद, लक्ष्य ने हिम्मत नहीं हारी। वे हर गलती से सीखते रहे, अपने हुनर निखारते गए और मुश्किल समय में भी हार नहीं मानी।
कर्ज और दृढ़ संकल्प
2012 में उन्होंने क्रेडिट कार्ड और बैंक लोन लेकर ट्रेडिंग जारी रखी। शुरू में ₹25,000 क्रेडिट
कार्ड बिल और ₹75,000 का
लोन लिया। फिर प्लॉट खरीदने के लिए ₹3 लाख
का फाइनेंस किया। कर्ज लगातार बढ़ता गया और 2015 तक
यह ₹9-10 लाख
के आसपास पहुँच गया। वे ₹7-9 लाख
से ट्रेडिंग शुरू करके ₹35 लाख
तक पहुँच गए।
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बेरोजगारी, ज्यादा कर्ज और हार
1.5 महीने के अंदर बड़ा घाटा हुआ, नौकरी छूटी और EMI ₹70,000 से बढ़कर ₹85,000 हो
गई। इस कर्ज का बोझ उनके लिए भारी था।
उम्मीद की किरण
2016 में उन्होंने बाइक और टीवी बेचकर स्थिति संभाली। एक दोस्त के साथ स्नैक्स की दुकान खोली लेकिन आय कम थी। फिर IBM में
नौकरी मिली, और ₹5,000 से
₹10,000 तक के छोटे-छोटे निवेश से स्कैल्पिंग की, धीरे-धीरे कर्ज चुकाना शुरू किया। 2018 तक
कर्ज ₹45 लाख
तक पहुंचा। 2019 में
केवल ₹2-3 लाख
निवेश कर ₹6 करोड़
से अधिक मुनाफा कमाया।
संकट में साहस
वित्तीय कठिनाइयों और नौकरी की चुनौतियों के बावजूद लक्ष्य ने 2016 में
उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाया। चुनौतियों को अवसर में बदला और हार नहीं मानी।
संकट में विजय
दृढ़ता और साहस से कर्ज की छाया से बाहर निकलकर लक्ष्य ने अपने सीमित पूंजी को करोड़ों में बदला। उनके संघर्ष ने नए ट्रेडरों को प्रेरित किया कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता संभव है। लक्ष्य की वर्तमान अनुमानित संपत्ति ₹50 करोड़
से अधिक है।
सीखी हुई सीख और बुद्धिमत्ता
लक्ष्य ने भावनात्मक नियंत्रण और सोच-समझकर निर्णय लेने की नीतियां बताया। उन्होंने बताया कि हार से सीखना ही सफलता की कुंजी है।
अंत में
आज सुपर ट्रेडर लक्ष्य आशा की किरण हैं। सामान्य शुरुआत से लेकर ऊंचाइयों तक उनका सफर साहस, मेहनत और सपनों के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उनकी कहानी अनगिनत लोगों को जीवन में दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
