70 हजार के नुकसान से 1500 करोड़ के निवेश तक विजय केडिया की कहानी
Journey/ Biography of Vijay Kedia
सपनों को हकीकत बनाना
यदि आप सोच सकते हैं, तो आप कर सकते हैं। यदि आप सपना देख सकते हैं, तो उसे पूरा कर सकते हैं। बस मेहनत करते रहें। यह आसान नहीं होगा, और यह असंभव सा लगेगा, लेकिन मेहनत जारी रखेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। आज का विषय बहुत ही प्रेरणादायक है क्योंकि हम बात करेंगे ऐसे ट्रेडर की, जिसने इतना नुकसान किया कि उसकी मां को अपने आभूषण बेचने पड़े। विजय केडिया अपनी आत्म-विश्वास, दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से सफलता के शिखर पर पहुंचे। 2025 तक
विजय केडिया भारत के सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं, जिन्होंने ट्रेडिंग से लेकर ₹1500 करोड़
से अधिक की दौलत बनाई।
पछतावे को समझना
“पछतावा निवेश का एक जीवनशैली रोग है। आप बेच देते हैं, स्टॉक बढ़ता है और पछताते हैं। नहीं बेचते, गिरता है और पछताते हैं... आपको
एक पछतावे को अपनाना होगा। मेरे लिए पहला पछतावा ज्यादा दर्दनाक है,” विजय केडिया कहते हैं। यह स्थिति अधिकतर समय होती है, इसे समझना और स्वीकार करना जरूरी है।
प्रारंभिक जीवन और आकांक्षाएं
कोलकाता में मरवाड़ी परिवार में जन्मे विजय किशनलाल केडिया का परिवार ब्रोकिंग और स्टॉक ट्रेडिंग से जुड़ा था। उन्होंने बीकॉम कोलकाता से पूरा किया। प्रारंभ में सेना में जाना चाहते थे लेकिन 19 वर्ष
की उम्र में पिता के निधन के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उन्हें ट्रेडिंग की ओर ले चला।
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ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव
14 वर्ष की उम्र में दादा के साथ ट्रेडिंग शुरू की। शुरुआत में उन्होंने अच्छा मुनाफा कमाया, लेकिन बाद में भारी नुकसान हुआ। एक बार 2-3 दिनों
में ₹70,000 का
नुकसान हुआ, जो उनके लिए बहुत बड़ा था। उनके नुकसान के कारण उनकी मां को आभूषण बेचने पड़े। उन्होंने ट्रेडिंग छोड़कर कोलकाता में गार्डन टी का बिजनेस शुरू किया, जो असफल रहा, फिर फिर से ट्रेडिंग में लौटे लेकिन अब कम जोखिम लेते थे।
निवेश की ओर बदलाव
1989 में उन्होंने ट्रेडिंग छोड़ दी और मुंबई में जाकर निवेश करना शुरू किया। पंजाब ट्रैक्टर की स्टॉक्स में ₹35,000 का
निवेश किया जो तीन साल में दस गुना बढ़ गया। इसके बाद एसीसी सीमेंट जैसे स्टॉक्स में निवेश किया, जो हर्षद मेहता के बुल रन के दौरान तेज़ी से बढ़े।
निवेश दर्शन और सफलता
हर्षद मेहता घोटाले के बाद विजय ने लंबी अवधि (5 साल
से अधिक) के लिए निवेश करने का निर्णायक तरीका अपनाया। वे छोटे कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं जिनका बाज़ार में लम्बी अवधि में विकास होता है। कई बार उनके कुछ स्टॉक्स में 2-3 साल
तक कोई मुनाफा नहीं भी होता, लेकिन वे अपना भरोसा नहीं खोते।
निवेश के सिद्धांत
उनका ‘SMILE’ सिद्धांत
है, जहां S का मतलब है Small Size, M - Medium Experience, L -
Large Aspiration, और E - Extra Large Market Potential। वे हमेशा अच्छी प्रबंधन क्षमताओं वाली कंपनियों में निवेश करते हैं, जिन्हें वे पारदर्शी, समर्पित और भरोसेमंद मानते हैं।
महत्वपूर्ण सीखें
- टिप्स पर
भरोसा न
करें, स्वयं
का विश्लेषण
करें।
- कई स्रोतों
से आय
का इंतजाम
करें।
- कर्ज लेकर
निवेश न
करें।
- हर गलती
से सीखें,
और खर्चों
को नियंत्रण
में रखें।
मान्यता और प्रभाव
विजय केडिया 19 वर्ष
की उम्र से स्टॉक मार्केट में सक्रिय हैं। वे कई शीर्ष शिक्षण संस्थानों में बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित हुए हैं। 2016 में
उन्हें बिजनेस वर्ल्ड की सूची में #13 स्थान
मिला। 2017 में
‘MoneyLife Advisory’ ने उनका खास माइक्रोसाइट लॉन्च किया। उनके निवेशों से 2017 में
170% की वृद्धि देखी गई।
नवीनतम जानकारी और सौंपा गया पोर्टफोलियो (2025)
2025 तक विजय केडिया का निवल मूल्य लगभग ₹1400 करोड़
है, जिसमें उनके 16 स्टॉक्स
का विस्तृत पोर्टफोलियो शामिल है। उनका सबसे बड़ा होल्डिंग Atul Auto में (लगभग 20.9%) है।
वे छोटे और मझोले कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जो समय के साथ बड़े मुनाफे में बदल जाते हैं। उनका ध्यान कंपनियों के मजबूत प्रबंधन और लंबी अवधि के निवेश पर केंद्रित है। वे तकनीकी क्षेत्र, औद्योगिक निर्माण, उपभोक्ता टिकाऊ वस्त्र, और आतिथ्य क्षेत्र में विविधता बनाए रखते हैं।
निष्कर्ष: विजय केडिया की प्रेरणादायक यात्रा
विजय केडिया की कहानी साबित करती है कि कठोर परिश्रम, आत्म-विश्वास, और लगातार सीखने से कोई भी अपनी किस्मत बदल सकता है। शुरुआती संघर्षों और परिवार के बलिदानों को पार करते हुए आज वे ₹1500 करोड़
से अधिक की संपत्ति के साथ देश के अग्रणी निवेशकों में गिने जाते हैं। उनका अनुभव और ज्ञान निवेशकों के लिए मार्गदर्शक हैं जो सपनों को असली बनाना चाहते हैं। उनकी रणनीति और दृढ़ विश्वास यह दर्शाते हैं कि सही सोच और धैर्य से हर मंज़िल संभव है।
